Thursday 25 June 2015

Computer Sikhte hue Chut Chud Gai

यह कहानी उन दिनों की है जब मैं बारहवीं के बाद अपने रिज़ल्ट्स का इंतज़ार कर रहा था। मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसकी बहुत जल्द शादी होने वाली थी और उसका देवर एक NRI था।, जो सोशल साइट्स का इस्तेमाल किया करता था। तो उस लड़की ने मुझे कहा कि क्या मैं उसको सोशियल साइट का इस्तेमाल करना सिखा दूँगा।
यह बात मेरी मम्मी के सामने ही हुई थी तो मम्मी ने कहा- क्यूँ नहीं, ज़रूर सिखाएगा।
इसके बाद वो रोज दोपहर में मेरे घर आने लगी और मैं उसे सिखाता रहा।
उस लड़की नाम पूजा था और मुझसे 5 साल बड़ी थी।
एक दिन मम्मी किसी काम की वजह से बाहर गई हुई थी और छोटे भाई भी स्कूल गये हुए थे तो मैं घर पर अकेला था। हमेशा की तरह वो आई तो मैंने कहा- आज घर पर कोई नहीं है।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं!
और ऐसा कह कर वो मेरे रूम की तरफ (जो की छत पर है) चल दी, मैं भी पीछे पीछे चल दिया।
आधे घंटे हम दोनों कंप्यूटर चलाते रहे, फिर अचानक उसके हाथ से एक PORN Link खुल गया, जिससे सामने नंगी तस्वीरें आ गई।
अब क्या था ना तो वो मुझसे नज़र मिला पा रही थी और ना मैं उससे !
मैंने जल्दी से उस लिंक को मिनिमाइज़ कर दिया।
अब मैंने वापस वो लिंक खोल कर बंद किया और सोशियल साइट चलाने लग गये. अब मैं धीरे धीरे उसके हाथ पर हाथ रख रहा था, उसने मेरा विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।
अब मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया, वो कंप्यूटर चला रही थी और थोड़ा मुस्कुरा रही थी, अब मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया।
अब क्या था… जैसा कि मैंने बहुत सी जगह पढ़ा था कि लड़की की गर्दन पर किस करने से जल्दी गर्म हो जाती है तो मैंने मौका देखते ही चौका मार दिया, अब वो आहें भर रही थी.. लेकिन अब तक वो मुझसे कुछ नहीं बोली, अब मैंने उसका मुँह अपने मुँह में ले लिया और किस करने लगा कि अचानक उसने मुझे दूर कर दिया और कहा- नहीं, यह ग़लत है, मेरी शादी होने वाली है।
तो मैंने कहा- तभी तो फिर बाद में तुम्हें दर्द कम होगा।
तो बोली- नहीं, ये सब ग़लत है।
मैंने कहा- एक बार!
तो उसने कहा- अगर किसी को मालूम पड़ गया तो क्या होगा?
मैंने समझाया कि घर में कोई नहीं है और हम दोनों कभी किसी से यह बात नहीं कहेंगे।
तो उसने कहा- मगर सिर्फ़ आज… और फिर भूल जाना इस बात को!
मैंने कहा- ठीक है।
तो वो वापस बैठ गई। मैंने अब उसके कपड़े उतरने शुरू कर दिए और उसने भी मेरी पैंट उतार दी, उसने मेरा सामान हाथ में लेकर कहा- यह तो बहुत लंबा है (8 इंच)
और उसने हाथ फेरना शुरू कर दिया।
मैंने कहा- मुँह में लेकर देख, अच्छा लगेगा।
तो उसने मना कर दिया- नहीं, गंदा होता है, नहीं लूँगी।
फिर मैंने मना ही लिया और उसने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया… मानो मुझे जन्नत ही मिल गई। अब मैं उसके चूचे दबा रहा था तो उसने कहा- मेरे नीचे के कपड़े भी उतार कर मेरी को भी मुँह में लो!
मैंने जल्दी से ऐसा ही किया, अब हम 69 में थे कि अचानक उसने कहा- अब रहा नहीं जाता, जल्दी से डाल दो..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने कहा- इतनी क्या जल्दी है जान.. मैं तुम्हें आज सितारों की सैर कराऊँगा।
और मैं सीधा खड़ा हो गया, वो बेड पर लेटी थी, मैं वापस उसके बूब्स चूमने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, उसके मुँह से आह… आहह उह हुह आहह… की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
मैं उत्तेजित हो गया, उसने कहा- अब रहा नहीं जा रहा है, प्लीज़ जल्दी करो!
अब मैंने उसको सीधा लेटाया और अपना लंड डालने लगा मगर वो आसानी से नहीं गया, तो मैंने तेल लगा दिया अपने लंड पर और ज़ोर से धक्का दिया, वो चीख पड़ी।
मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बंद किया मगर अभी तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में नहीं गया था, मैंने अब एक और धक्का दिया, अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था और उसकी आँखों में आँसू थे।
अब मैंने धीरे धीरे अपना काम शुरू कर दिया। वो रो रही थी, मैंने उसके बूब्स पर अपना मुँह रख दिया और निप्पलस को काटने लग गया।
मैंने एक जोर की किस की, अब वो भी चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी। वो सात मिनट बाद झड़ चुकी थी मगर मैं अपना काम कर रहा था। करीब 12 मिनट बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने अपना लंड निकाल लिया, अब उसे कहा- इसे मुँह में लेकर पानी निकाल दे!
उसने ऐसा ही किया, मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया और मैं उसके सीने पर लेट गया।
दस मिनट बाद जब होश आया तो देखा कि चादर खून से लाल हो चुकी थी तो वो घबरा गई।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, चादर के बारे में कोई दिक्कत नहीं है। और जब पहली बार सेक्स करते हैं तो खून आ जाता है।
अब मैं और वो बहुत खुश थे, उसने कहा- आज मैं बहुत खुश हूँ!
और मुझे एक किस की और धीमे से मुस्कुराते हुए वो चली गई। उसके बाद हमने तीन बार और सेक्स किया..
दोस्तो, मुझे तो उसके बूब्स में बहुत मज़ा आया।
आपको कैसी लगी मेरी यह हक़ीकत? प्लीज़ मुझे ज़रूर बताना! Mera email address hai : sameer4fungurgaon@gmail.com

Bhabhi Ki Chacheri Behan Ki Chut

भाभी की चचेरी बहन की चूत

मेरा नाम विशाल है, मैं गांधीधाम कच्छ का रहने वाला हूँ, आज मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रहा हूँ।

मेरे घर के पास ही मेरा भाई और भाभी रहते हैं। एक दिन मैं कॉलेज से लौटा तो देखा भय्या-भाभी के घर एक बहुत सुन्दर सेक्सी लड़की आई है तो जल्दी से मैंने बुक्स अपने घर रखी और पहुँच गया भाभी के घर, वहाँ भाभी भय्या और वो लड़की बैठी थी।

पता चला कि यह भाभी की चचेरी बहन है। वो लड़की बहुत बहुत सेक्सी थी, गुलाबी लब, गोरा रंग, टाइट गोल गोल बूब्स… उस लड़की ने जो सूट पहन रखा था उसके गले से उसके बूब्स वाली लाइन बाहर साफ़ दिखाई देती थी, मेरी तो नज़रें ही रुक गई थी।

अपने आप को संभालते हुए मैं भाभी और भय्या से बात करने लगा तो भाभी ने उस लड़की के साथ मेरी पहचान करवाई उसका नाम संगीता था।

मैं काफी टाइम वहीं पर बैठा उनसे बात करता रहा, संगीता अब मेरे से काफी खुल कर बात करने लगी थी, वो एग्जाम देकर आई थी।

उसे एक माह की छुट्टियाँ थी सो वो 10 दिन के लिए यहाँ पर आई थी।
मैं संगीता को अपने घर आने का कह कर घर चला गया।

उस रात मैं तो सो ही नहीं पाया और संगीता के बूब्स देख चुका था यारो, तो उस रात मैंने संगीता के नाम की 2 बार मुठ मारी थी।

अगले दिन छुट्टी थी तो मैं कॉलेज नहीं गया और सुबह होते ही पहुँच गया भाभी के घर… 8:30 का टाइम था, भय्या अभी सोये हुये थे और भाभी पूजा कर रही थी।

मेरी नज़र संगीता को ढूंढ रही थी, मैं भाभी के पास बैठा ही बात कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि संगीता ऊपर वाले रूम से आ रही थी।
दोस्तो, अभी वो सो कर आई ही थी, उसने नाइट सूट पहन रखा था, पतली सी शर्ट सफ़ेद रंग की पहन रखी थी, शर्ट के नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी थी, शर्ट पतली होने की वजह से उसके दोनों बूब्स के निप्पल बाहर साफ़ दिखाई दे रहे थे।

अब तो वो और ज़्यादा सेक्सी लग रही थी, मन कर रहा था इसकी शर्ट मैं अपना मुँह घुसा कर इसके मम्मों को खूब चूसूँ और सारा दुग्ध पी जाऊँ…
मेरा लंड भी हरकत में आ गया था, लोहे की तरह अकड़ गया था, गर्म भी हो गया था।
मैंने लंड पर हाथ रखा हुआ था, कहीं सभी को मालूम ना चल जाए इस लिये।

अब ना तो मैं खड़ा होने की हालत में था, ना बैठ सकने की… मैंने ट्राउज़र और लोंग शर्ट पहनी थी, मैंने शर्ट बाहर निकाल ली जो पहले अंदर थी।

संगीता ने जैसे ही मुझे देखा उसके मुख पर भी स्माइल आ गई, बोली- गुड मॉर्निंग विशाल!
मैंने भी जवाब दे दिया।
वो मुँह धोने और फ्रेश होने के लिए बाथरूम गई और थोड़ी देर में आई, काफ़ी गीली हो गई थी, कुछ पानी उसके शर्ट के ऊपर बूब्स वाली जगह पर भी पड़ गया था, उसके बूब्स वहाँ से साफ नज़र आ रहे थे।
पहले तो मेरी नज़र वहाँ पर गई, बाद में ऊपर देखा तो वो तो मेरी तरफ़ ही देख रही बोली- क्या हुआ विशाल?
मैं बोला कुछ नहीं… वो मेरे पास आ गई।

भाभी नहाने के लिए चली गई और वो मेरे पास बैठ गई, काफी देर इधर उधर की बात करते रहे, बाद में बात कॉलेज की चल पड़ी। उसने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मैं पूछा तो मैंने मना किया कि कोई नहीं है।
जब उससे पूछा तो उसने भी मना किया और बोली- अभी मिला नहीं!काफी देर इसी टॉपिक पर बात चली।
मैं घर चला गया, उसने मुझे कहा कि वो घर पर बोर हो जाएगी तो वो नहा कर मेरे घर आयेगी।
मम्मी को आज गाँव जाना था तो वो चली गई और पापा ऑफ़िस चले गये थे।
मैं अक्सर ही, जब घर कोई नहीं होता था, मैं सेक्सी मूवी लगा कर मूठ मारता था। मैंने वैसे ही किया, सीडी लगाई और देखने लगा। मुठ मार कर मैंने जल्दी मैं सीडी बंद नहीं की लेकिन टीवी को रिमोट से ही बंद किया और नहाने के लिए बाथरूम में आ गया।

कुछ देर ही हुई थी, बाहर से किसी ने बेल मार दी, बाहर देखा तो देखता रह गया, मेरे सामने संगीता खड़ी थी, मैं उसे अंदर ले आया। और फिर उसे ड्रॉईंग रूम मैं बैठा कर मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया।
उसने मेरे जाने के बाद टीवी ऑन किया, सीडी ऑटोमॅटिक चल पड़ी, वो तो बस देखती रह गई, मैं तो बाथरूम में ही था।
वो चोरी चोरी सीडी देख रही थी, मेरे आने की आहट पर उसने टीवी बंद कर दिया, उसने मुझे एहसास ही नहीं होने दिया कि उसने कुछ देखा है।
काफी देर बात करते रहे, मुझे लगा कि वो बोर हो रही तो मैंने टीवी लगाने का प्रोग्राम बनाया। मैंने पहले सीडी बंद की और केबल चलाने लगा।

उसे मेरी तरह इंग्लिश मूवी पसंद थी, स्टार मूवीस पर कोई इंग्लिश मूवी आ रही थी।
थोड़ी देर बाद उसमे सेक्सी सीन आ गया, मुझे देखते देखते शर्म सी आ रही थी वो भी मुंह में ही मंद मंद मैं हंस रही थी।
मैंने उसकी तरफ और उसने मेरी तरफ़ देखा… और आँखें चार हो गई।
वो ज़ोर से हंस पड़ी… मैं भी!
हम सोफा पर बैठे थे, वो ज़ोर ज़ोर से हंस पड़ी, बोली- तुम बहुत गंदे हो विशाल!
और फिर हंस पड़ी।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था।
वो ज़ोर से बार बार कहने लग गई- तुम बहुत गंदे हो, गंदे हो!
और हंस रही थी।
मैंने पूछा- वो कैसे?
वो बोली- नहीं बताऊँगी।
मैंने उसे कहा- बताओ?
वो बोली- नहीं बताऊँगी…
मैंने जब उसका हाथ पकड़ा और बोला- बताओ क्या बात है?
वो हंस पड़ी और बोली- सभी को बताऊँगी…
मेरे ज़ोर डालने पर उसने बोल दिया- तुम चोरी चोरी ब्लू फिल्म देखते हो सीडी पर!
यह सुन कर मेरे तो एक बार तोते उड़ गये, मैं हैरान था कि इसे कैसे मालूम!
मैंने जब पूछा तो थोड़ी देर बाद उसने मुझे बता दिया- मैंने तेरे जाने के बाद टीवी ऑन कर लिया था।
मेरे तो माथे पर पसीना आ गया था।
वो बोली- तुम डर क्यों गये? मैं किसी को नहीं बताऊँगी..
हम फिर सोफा पर बैठ गये लेकिन अब पास पास बैठे थे, वो थी कि थोड़ी देर बाद हंसने लगती।
आख़िर उसने कहा- चलो, हम दोनों देखते हैं, मुझे भी देखनी है, मेरी सब फ्रेंड्स ने देख रखी है लेकिन मैं देख नहीं पाई… मुझे भी दिखा दो…
मैंने सीडी ऑन कर ली, जब मूवी मैं सेक्सी सीन आये तो उसे भी सेक्स चढ़ने लगा और मुझे भी… मैं उसके साथ लग गया, धीरे से मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया और फिर मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया।

उसने मेरी तरफ़ देखा और फिर मूवी देखने लगी, मैं लगातार उसके बूब्स दबा रहा था, मैं दूसरा हाथ उसके दूसरे बूब्स पर मसलने लगा।
वो भी मस्त हो रही थी।
मैंने धीरे से उसके गालों पर किस किया और फिर अपने होंठ उसके गर्म गर्म पिंक पिंक लिप्स पर रख दिए।
वो भी काफ़ी सेक्सी हो चुकी थी।


उसने भी चुम्बन में मेरा साथ दिया और हम चूमा चाटी करते गये, उसने मुझे और मैंने उसे खूब चूसा, मेरे लिप्स पर उसने दांतों से काट भी दिया था।
मैं नीचे से उसके बूब्स को मालिश कर रहा था।
मैंने फिर उसका टाइट कमीज ऊपर से उतार दिया, उसके गोरे गोरे सेक्सी सेक्सी बूब्स ब्रा के अंदर से ऐसे लग रहे कि कह रहे हों- जल्दी हमें आज़ाद करवा और हमें खूब चूस!
मैंने वैसा ही किया, मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी, उसके बूब्स पर मैं टूट पड़ा, खूब चूस रहा था और वो खूब सेक्सी हो रही थी।
मैंने अपने हाथ से उसकी उसकी पटियाला सलवार को खोल दिया और उतार दिया और अपना हाथ सीधा उसकी चूत पर रख दिया।
संगीता ने चूत पर शेव कर रखी थी उसकी लाल लाल सी चूत पर मैंने पहले एक उंगली घुसा दी, संगीता ने आ…हहह की आवाज़ निकाली, फिर उंगली को कभी अंदर और बाहर निकालने लगा।
वो सेक्स के मारे पागल हो रही थी, लगातार सेक्सी सेक्सी आहें भर रही थी- उम्म्म्म अहह…
मैंने जब उसके चुचूक (निपल्स) और बूब्स खूब चूस लिये तो अब मैंने अपना लंड उसके मुख में डाल दिया। उसने भी चूसना शुरू किया।
चूसते चूसते वो मेरी तरफ़ देख रही थी और उसकी आखों की चमक काफ़ी बढ़ चुकी थी, उसकी आँखों से पता चल रहा था कि वो काफ़ी खुश थी क्योंकि उसे 7.5 इंच के लंड का स्वाद मिल रहा था।
मुझे उसकी हरकतों से पता लग गया था कि उसने पहले भी अपनी चूत किसी से चुदवा रखी थी, वो तो लोलीपोप की तरह मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर चूसे पर चूसा लगा रही थी… ‘उम्म्म्मम हा…हा… कर रही थी, वो तो अपने आप ही मेरे लंड को अपने मुहं के अंदर पूरा उतार देना चाहती थी।
मुझे काफ़ी मजा आ रहा था, इतना सेक्स मजा आ रहा था कि आनन्द के मारे आँखें बंद हो रही थी और मेरी आआअहह निकल रही थी।
मैंने लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उसे सोफे पर मैं नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत को चूसना शुरू किया।
अपनी जीभ मैं उसकी चूत के अंदर डाल डाल कर खूब चूस रहा था। उसने अपने हाथ मेरे कंधों पर रखे हुये थे, उसे भी काफी मजा आ रहा था, उसका पानी मेरे मुँह में आ रहा था, काफ़ी गीली गीली हो गई थी उसकी चूत।
दोस्तो, मैंने इतनी लाल लाल चूत पहली बार देखी, एक उसके बूब्स के निप्पल भी लाल थे और दूध वाली बोतल की तरह उसके निप्पल बाहर निकले हुए थे।
उसकी चूत को भी मैंने खूब चूसा उसका दाना गर्म हो गया था।
मैंने उसे सोफे पर बेठा कर उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रखा और अपने तने हुए लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
वो तो इतनी जल्दी कर रही थी कि ‘जल्दी जल्दी घुसा दो…’ कह रही थी।
‘अहह विशाल… तड़पा मत, जल्दी जल्दी जल्दी करो…’ और साथ में नाटक कर रही थी, कह रही थी कि ‘दर्द तो नहीं होगा ना?’
मैं भी हंसी से कह देता- नहीं होगा।
मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाना शुरू किया, एक बार उसने ज़ोर से चीख मारी और अपना हाथ उसने अपने मुँह पर रख लिया। मैंने जब दो तीन धक्के मारे तो वो भी तब तक सेट हो गई, मैं जब धक्का ज़ोर से मारता तो वो दर्द महसूस करती।
मैंने थोड़ी देर धीरे किया, बाद मैं जब उसे मजा आने लगा तो मैं भी और तेज होने लगा था, वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी और मेरी नज़रों से नज़र मिला के हंस पड़ती और बोल रही थी- विशाल, रुकना मत… करते रहो, खूब प्यार करो, मुझे तेरा प्यार चाहिए।
मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया, मेरे धक्के बिना रुके ज़ोर ज़ोर से जारी थे।
अब मैं सोफे पर बेठ गया वो मेरे ऊपर आ गई। लंड के ऊपर बैठी वो अपने आप को खूब ज़ोर ज़ोर से चुदवा रही थी।
उस टाइम उसके चूतड़ों की हरकत देखने वाली थी, उसके गोरे गोरे चूतड़ बहुत कातिल थे, घायल कर देने वाले थे।
काफी टाइम लगा कर रब ने उसके चूतड़ तैयार किए होंगे, ऐसा लग रहा था।
वो खूब ज़ोर कभी ऊपर और कभी नीचे होकर धक्के मरवा रही थी।
जब वो थक गई तो मैं उसे सोफे पर ही कुतिया की तरह नीचे लेकर पीछे से लग गया धक्के मारने… जब धक्का लगता तो उसके चूतड़ों से आवाज़ पैदा हो रही थी ‘थप थप थप…’
मैंने पहले तो उसके चूतड़ों पर हाथ रख कर पीछे से खूब मारा, फिर मैंने पीछे से संगीता को झप्पी डाल ली और उसके बूब्स को मसलने लगा और कभी उसकी पीठ पर चुम्मी करता, एक बार तो मैंने उसके बाल ही पकड़ लिए थे।
बहुत मजे दे दे कर वो चूत दे रही थी… ऐसा लग रहा जैसे काफी सालों की भूखी हो।
अब मेरा छुटने वाला था, मैंने निकालने को कहा तो वो बोली- निकालना मत विशाल… ऐसे ही करते रहो!
मैंने बोला- अब छूट जाएगा।
लेकिन वो नहीं मानी, आख़िर मैंने उसकी चूत में ही ज़ोर ज़ोर से 8-10 धक्के ऐसे मारे कि चूत के अंदर ही मैंने सारा माल छोड़ दिया। लेकिन मैंने आखिर में अपना लंड निकाल लिया और अपना गीला लंड उसके मुँहं से साफ़ किया।
वो लंड से हटी तो मेरे जिस्म से खेलने लगी, चूमा चाटी कर रही थी।

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Story Source: World Wide Web


Tuesday 9 June 2015

Hindi sex story:meri pehli chudai.. With pics.

sex-o-tips: Hindi sex story:meri pehli chudai.. With pics.: Ye kahani tb ki hain jb main yahi Suman 22 saal ki thi.Main us time college main pdhti thi aur muje kafi ldke propose kr chuke they.Lekin m...

Ye kahani tb ki hain jb main yahi Suman 22 saal ki thi.Main us time
college main pdhti thi aur muje kafi ldke propose kr chuke they.Lekin
muje in chezo main interest nhi tha.Meri breast ka size 32 tha..aur
kamar ka 28.Meri gaand bohot hi sexy thi aur 32 inch thi.Ladko ke lund
muje dekh kr hi khade ho jate they.







Meri best friend thi Babita,jo ki mere sth hi rehti thi kyuki vo dusre
city se padhne aai thi.Babita mujhe aksar blue film aur nangi tasveere
dikhaya krti thi.Pehle muje acha nhi lgta tha pr dhere dhere mujhe bi
mann krne lga aur main bi kafi therki ban ne lg gyi.Babita aksar muje
chudai aur fingering ki videos dikhati thi.Aur mere samne khud ki
fingering krti thi.Muje kafi shrm aati thi pr bad bad main aadat pdh
gyi.Hum dono ek dusre ko kiss aur romance krne lg gye they.Main bohot
therki ban gyi thi.Aur muje bi lund ki pyas lgne lgi.

Babita bohot bar chud chuki thi aur usko kafi experience ho gya tha
chudwane ka.Vo kafi jagah apni choot marwa chuki thi aur usko pasand bi
tha.Ek bar hum dono ka ek common friend(Vijay) mere ghar aya project
banane ki vjh se.Vo kafi healthy tha.Hum dono ko bohot therek chadi hui
thi lekin hum use nhi dikhana chahte they.Humne thodi der kam kiya aur
uske bad use bola ki tum kam kro hum kuch khane ke lye bana lete
hain.Hum dono kitchen main chale gyi aur vahan ek dusre ko chatne lg
gyi.Hum khud ko rok nhi pa rhe they.Aur ek dusre ke mome aur choot
chatne lg gye.

Hum dono ko time ka pta hi nhi chala aur therkipan main ek dusri ki
fingering krne lg gye.Aur tbi vo hua jis se hum dono thande padh gye.Hum
samne Vijay ko khada dekha jo ki apna loda ragad ra tha.Hum dono hairan
reh gye.Vijay ne ekdm bola "sali behen-ki-lodiyo",main vahan project
main gand marwa ra hun aur tum dono ek dusre ki choot mar rhi ho.Main
chup rhi,lekin Babita ekdm se uske pass gyi aur usko chumne lg gyi.Uska
loda pakad kr hilane lg gyi.Tbi un dono ne muje dekha aur Babita ne bola
ki dekh kya ri hain ,aja.



 Muje smjh ni ara tha ki main kya kru.Meri aankhon ke samne blue film ke
nazare aane lg gye.Main kampne lg gyi.Aur dekhte hi dekhte Babita
chudwane lg gyi.Muje bohot sharam mehsus hor rhi thi.Lekin therek itni thi ki main bi unke pass chale gyi.





Babita ne ekdm mera hath khencha aur Vijay ne apna mota loda mere muh pr
rkh diya.Muje bohot gnda lg rha tha.Aur mane use hata diya.Lekin vo tho
jungli janwar ki tarah meri upper toot gya aur chumne lg gya.Pehli bar
kisi ldke ne mujhe chuma tha.Mera pura shareef thanda padh gya aur main
jese behosh si hone lg gyi.Babita ne uska loda meri choot pr lga diya
aur mujhe ajtk uska garam loda yaad hain.Dekhte hi dekhte Vijay ne meri
geeli choot main apna loda daal diya aur main chila padi dard ke
mare.Aaaaahhhhhhhhhhhhh bohot dard ho rha hai.aaaaaaaa......



Babita teri ma ki choot ye tune kya krwa diya.aaaaaa.. Mujse toh dard
sehen hi nhi ho rhi thi.Pr dhere dhere drd km hone lgi.Vijay ne jhatke
marne shuru kr diye aur meri drd frse badh gyi.Pr is dard ka maza kuch
alag hi tha.. Mane usko tigh pakad lya aur usne mujhe kutiya ki tarah
chodna shuru kr diya.Usne 4 minute ke andr mujhe do bar jhadwa diya.



Muje maza aa rha tha pr drd bi thi.Main chilla rhi thi.Teesri bar jhadne
ke baad mane Vijay ko dhaka mar diya.Lekin us gandu Vijay aur Kutiya
Babita ne mujhe baalon se pakad kr lund pr bitha diya.Muje esa lga jese
koi chez mere stomach tk chale gyi hai.Main drd se chilla uthi.Mujhe
pehli bar toh hila hi ni gya.Babita Vijay ke face per beth gyi aur apni
choot chatwane lg gyi.Vo hum dono ko ache se chod rha tha.Mane hlka hlka
hilna shuru kiya aur fr tez ho gyi,jese ghode per bethi hun.Babita mere
mome chosne lg gyi aur pure ghar main bs aaahhh.. uhh..ummm.. ki aawaze
aati rhi.  
 Tbhi Vijay ne zor zor ke jhatke marne shuru kr diye aur ekdm jungli ban
gya.aaaaaahhhhhhh ahhhhhhhhhhh ahhhhhhhhhhhhhh ..Humne lg gya ki ye bi
jhadne vala hai.Babita uske uper se uth gyi aur mujhe vo chodta tha.Fr
ek zor ka jhatkna mara .aaaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhh aur usne apna
lund nikal kr sara maal meri gaand pr nikal diya.Is tarah meri pehli
chudai hui.

Tuesday 26 May 2015

Russian Ruby, Train Main Chudai

Main ruby jo ek Russian hun, meri umre 23 saal , aankhon ko rang neela, figure 32, 27, 32 aur mujhe sexy figure dikha ke logo ko tease karne main bahut maja aata hai.

Meri shadi ko ek hafta hua tha, Main ruby aur mere pati david ko india bahut pasand tha , isliye humne India main shadi ki aur uske baad hum apni India tour pe nikal pade.

Humne Delhi se Ajanta aloro caves ke liye train pakdi, May ka mahina tha , aur hum bina reservation ke train main chad gaye, humain ek raat kaatni thi aur uske baad humara confirm reservation tha.

Ab hum train main chad gaye, Garmi jyada hone ki wajah se , maine lal rang ki mini skirt aur yellow colour ki tight sports top pehna tha.

Jis ki wajah se mere boobs ekdum seb ki tarah lag rahe the .

aur log mere chuchi ko ghoor ghoor ke dekh rahe the.

Ab train ke compartment main bheed dhire dhire badna lagi, to main aur david khidki ki taraf khade ho gaye ,

humare peeche ab dheere dheere log badte hi jaa rahe the aur hum khade the , per lagta tha ki dum ghut jayega.

David ne bola aaaj ki raat aise hi khade ho ke katni hogi, Maine uska bola ki main theek hun. Per har thodi der main koi na koi mere butts, thighs pe haath laga raha tha.

Ab maine socha ki, ab itni bheed main lag gaya hoga kisi ka haath. Ab sham ke 7 bajne wale the aur dheere andhera hone laga tha aur train main bhi andera sa hone laga tha, tabhi wo haath fir se main meri gol gol ass pe ghumne laga.

Maine socha ki shor machaoun per socha ki , itne saare Indians hain aur hum akele Russians. Agar unhone meri baat nahin mani to.

Ye soch ke main kuch nahin bolo , ab us bande ka haath dheere aage badne laga, wo ungliyon se mere butts ko dabane laga. Abhi to wo skirt ke upper

se hi khel raha tha. Tabhi ek zor ka jhatka laga
Aur wo mere bahut paas aagaya, ab uska haath

meri sexy kamar pe aa gaye. Aur wo mere kan pe dheere dheere kis karne laga.

Main gussa hone ke bajai, garam hone lagi, aur uska dick mere butts se khelne laga.

Maine badi mushkil se ek haath upper se peeche le gayi aur uska dick apne ass se hatane lagi. Per usne mera haath peeche pakad liya. Ab doosre
haath se maine roof stand pakda tha.

Matlab ab main almost defencless ho gayi. Train main pura andhera hone laga. Humare dibbe ki tube light kharab ho rahi thi, us bhari train main

uske aur mere alava, shayad kisi ko kuch nahin pata tha ki wo kya kar raha hain.

Ab usne doosre haath se aage laa ke , mere boobs ko dabana chalu kar diya. Meri saanse tej hone lagi . ki wo ab aage kya chahta hai.

Usne fir skirt utha di aur mere panty side main kar ke, nange chutron ko dabane laga, ab meri choot garam hone lagi thi aur passeno ki wajah se uska haath mere tight panty ke aur ander jaane laga .

Ab uski ungliyon dheere dheere meri choot ko dhoondne lagi aur achanak uski ek ungli meri chikini choot pea a ke ruk gayi.

Charo aur log, aage mera pati. Garmi ka passena. Logo ke passene ki smell aur in sab ki beech wo mere badan se khel raha tha.

Uski ungli sakth aur moti lag rahi thi per meri choot chikni ho chali thi aur usne meri choot ke ander dalne ki jagah, meri choot ko do ungliyon me le dabana, ragadna chalu kar diya,

Usse mera thoda bhaut defence bhi jaa raha tha, main koshih kar rahi thi ki kasie kar ke wo apni gandi moti ungli meri choot main na ghusa paye.

Main kasmasa rahi thi, per usne kamar main apne haath dal ke mukhe jakad liya.

To main punjon ke bal khadi ho gayi aur us saale ne apni ungli meri choot pe lagayi rakhi, wo ander dalne ko koshih kar raha tha per peeche se aage choot main jaa nahi rahi thi.

Fir usne achanak mere kandhe pe haath rakha aur mujhe neeche dabane laga.

Main bahut jor alagaya per us ke dum kea age thak gayi aur usne mujhe neeche dabane laga, ab meri gulabi choot main us ki angli ander jaane lagi, ek inch , fir do inch, fir finally puri ungli choot main chali gayi.

ek phich si awaaj aaye aur ab main ek khoobsurat russian , ek anjan aadmi se, ek nay desh main , bhari train main uski ungli se chudne wali thi.

Meri choot tight thi aur us ki ungliyan moti. Mere munh se aaah Nikli .

David ne poocha, ki main theek hun, Maine jaldi se bola ki main theek hun.

ye dekh kar wo aur khush hua hoga aur to Ab wo meri choot main ungli daal ke ander bahar karne laga aur meri choot ko zabardasti chodne laga.

ungli peeche se meri choot main uper ja rahi thi to ek naya sa feeling ho raha tha. main use rokne ke liye

Main jitna taang ya chutar tight dabati, mujhe aur jayada maja aaata.

Ab meri choot cream chod rahi thi
Jo ungliyon se uska haath pe aa rahi hogi.

Per uska chodna chalu raha aur tabhi meri choot main current sa dodne laga.

Maine uska haath apne top main daalne ka ishara kiya , aur usne neeche se mere top main haath daal ke meri gori chuchi dabane laga.

Uski doosri unglee ab mere gulabi ass hole ko ragadne lagi. ab main fir ghabrai aur chatpatane lagi.

per usne meri chichi pakad rakhi thi, maine gaand tight kar li aur wo koshih karne laga

fir achanak meri nipple ko radio button ki taraha, zor se ragdi

meri aah nikli aur meri taang dheeli ho gayi aur usne bas itni der main doosri ungli meri chiki aur virgin gaand main daal di. maine fir gaand tight kar li.

abhi ungli gaand main ek inch hi gaui hogi per usne jor lagaya aur doosri inch, fir puri moti se gandi ungli meri gaaand main daal hi di.

main haar man li aur use apne badan se khelene dene lagi.

Ab wo dono ungli ek saath chalane laga.
Mainse aise feeling kabhi nahin paayi thi. Ab wo meri choot aur gaand, dono se khel raha tha aur mera man kar raha tha ki wo bas aise hi karta rahe.

kabhi wo zor se choot main daalta to kabhi gaaad main jor se dalta.

aur meri choot aur gaand dono ko mast ho ke chod raha tha. main ek slut ki tarah usse chud rahi thi aur maje le rahi thi.

fir Koi station aane laga aur main bola thank God.
usne unglin ander hi rakhi aur chup chap kahda raha.

ab wo dobbara meri choot ke ander ander bahar karne laga.

cream beh rahi thi aur meri puri choot aur gaand ek dum chupchip ho chuki thi.

usne ab speed bada di, ander bahar, ander bahar

Aur Tabhi mere badan main ajjeb se feeling hui aur , main jhadne lagi aur uski ungli pe jhad gayi.

Aise lag raha tha ki meri eke k baody part loose hua ho.

Meri haalat samjh ke usne ungliyon ko rok diya aur cream mere nipples pe ragadne laga.

Mujhe laga ki shayad, wo ab shaant ho jayega , ki main apne dono chichipe chutoron ke beeech mota sa garam garam kuch chubha.

Main samjh gayi ki ab ye mujhe chodna chahta hai.
Main fir se apne punjon pe khadi hone lagi. main bina condom ke indian ajnabi se chudna nahin chahti thi.


Usne apna lund mere gore aur passene aur cream se chikne chutro ke beech main ragadna chalu kar diya.

Mujhe lagha ki ye to meri ass main na dal de isliye , ek haath neeche layi .

Usne is position ka fayda uthaya, mera haath meri kamar ke saath jakda aur berehami se uska mota se lund chut main jaa ghusa.

Aur main dard se tadap gayi per ek ajjeb sa sukun bhi Mila.

Uska mota lund meri choti si hoot main, EK INCH hi ghusa hoga ki mujhe laga ki aaj to meri choot gayi.

Ek inch ander jaane se hi meri choot ka muh bahut jayada tight ho agya tha, meri aaknhon se aanso aane laga.

Main uske haath pe marne lagi, ki bahar nikalne ke liye.

Per itne der main meri kamar pakdi li aur ek aur jahtka mar diya, ab uska mota ganda lund meri choot naajuk se , choti si choot ke ander ghus chukka tha,

aur main kuch nahin kar sakti thi sirf chudne ke aur intezar karne ke, wo loose ho jaye.

Usne kaan main dheere se kaha, aise hi 2-3minute khadi raho, dard kam ho jayega abhi to thoda sa hi ghusa hai.

shor machaya to pura ek bar main daaal ke chut fad dunga.

main dar gayi.

Usne meri choot ko aage se ragdana chalu kar diya, ab meri choot fir garam hone lagi.

Ab main khade khade takh gayi thi aur , us ke lund ke sahar relex ho rahi thi.

Ab usne mere dono chuci bahar nikal ke, lund ka doosra, teesra, chotha inch ander bahar karna chalu kar diya.

main socha ab ander jaana rukega, ab rukega

per uska lund to 8 inch ka nikla

maine kabhi 8 inch ka lund apni choot main nahin liya tha.

Main uski himmat se dang thi, Ki usne pehele mujhe ungli se choda, fir ab boobs bhi bahar nikal diye.

uska lund pura ghus chuka tha aur meri choot ne usse pakad rakha tha, meri choot ki ek ek nas usse ragad rahi thi.

aur uska lund pata nahin kitna ander tha.

Train ke jhatkon ke saath, usne meri kamar pakad ke, meri choot main me berehami se dhakke lagane chalu kar diye.

Ab mujhe bahut maja aane laga, Wo mujhe ek kutii ki tarah chod raha tha aur main butts peeche le jaa ke , uska lund aur ander le rahi thi.

ab jawani ka nanga khel chalu tha

mera man kar raha tha, ki main let jaaon apni tangain khole ke, aur wo mere uper chad ke mujhe zor zor se chode.

Main chudne main mast thi ki tabhi bagal se ek haath aaya aur mere chuchi dabane laga.

Main jab tak samajh pati, mere saath ke kisi bande ne bhi himmat dikha di thi aura b mere khule chuchi ka fayada utha kar , muft main mere gulabi aur apple jaise juicey boobs ko kutte ke taraha chatne laga.


Uff main to ek se chud rahi thi , ab koi aur mere chuchi bhi dabane laga. Mujhe dar ha, david peeche na mud jaye.


Per wo jeebh nikal ke mere nippls se chatne laga, udhar uska mota lund meri choot ragad raha tha aur ek mere nipples choose raha tha, main zor zor se hilne lagi aur main doosri baar jhadne lagii.

Ab wo apna lund jor jor se and ander daalne laga, mujhe laga wo meri choot main hi naa fad de per maja itna jyada aaa raha tha ki ab mujhe bas chudna tha, zor zor se.

Usne meri kamar jor se pakad ali aur chodt chodte meri choot main apne garam cream ke phuare chodne laga, wo rukne ke naam hi nahin le raha tha.

Mujhe garam garam dhar bahur ander mehosoos ho rahi thi.

Uski har halka se jhatka meri choot main mehsoos ho raha tha, aur main ab teeseri baar chootne wali thi,,, auurrrrr bas main bhi uske lund pe chutne lagi.

Usne mere munh pe haath rakh liya.
Aur ab meri choot jhatke lene lagi aur ummm , aahhh, uffffff

Ye mere saaath kya ho raha tha.
wo bahut jhada meri choot se cream bahar aane lagi, meri thighs se taangon pe behene lagi.
Aur aage wala insane mere nipple choosna band hi nahin kar rah tha, fir sab 2 minute ke liye saanth ho gaya.

Main passene paseena ho chuki thi. Tange chipchipi ho gayi thi.

Aur soch rahi thi, aaj raat ye mujhe kitne baar aur chodne wala hae aur mujhe kitna maja aane wala hai.

Part 2 will be coming soon, jisme main 2 aur logon se Gaand main chudi, please login in your account and make sure to VOTE, VOTE VOTE please, any sexy lady of Pune can connect on
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Friday 22 May 2015

Priya Ki Pehli Chudai

हेलो एवरीवन, मेरा नाम समीर है , ऐज 25 , हाइट 5. 4 " फिट है और मैं गुडगाँव  में रहता हु अपनी फॅमिली के साथ. मैं इस वेबसाइट का रेगुलर रीडर हु और मैंने यहाँ पर बहुत सी चुदाई की कहानियां पढ़ी है, उनमे से कुछ रियल लगी और कुछ लिखी हुई. तो मैंने भी सोचा, कि मैं भी अपनी एक रियल स्टोरी लिखू. आप लोगो को ज्यादा बोर ना करते हु, मैं सीधा स्टोरी पर आता हु. ये स्टोरी मेरे फर्स्ट सेक्स की है. उसका रियल नाम मैं यहाँ पर नहीं बता सकता, लेकिन यहाँ पर चुदाई स्टोरी में नाम के लिए, मैं उसे प्रिया कह कर बुलाता हु.
ये स्टोरी आज से ६ साल पहले की है. प्रिया नई – नई मेरे पड़ोस में रहने आई थी. दिखने में वो बहुत सेक्सी थी २६-२४-२८ का फिगर था. एकदम मस्त कयामत लड़की थी वो. उसे पहली बार देखते ही, मैं उसके प्यार में पड़ गया. पर मेरी उससे कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं होती थी. वो बहुत ही सेक्सी दिखती थी और उसको देखते ही मेरा लंड उसको सलामी देने लग जाता था.
एक दिन (वो दिन मैं कभी नहीं भूल सकता) मैं उसकी गली से गुज़र रहा था, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. कसम से मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ गया. उसने अपने प्यार का इज़हार कर दिया. फिर हम मिलने लगे और एक दिन उसका फोन आया, कि घर में कोई नहीं है. मैं चुपके से उसके घर में दाखिल हुआ. जैसे ही वो दरवाजा लॉक करके पीछे मुड़ी, मैंने उसे वहीं पकड़ लिया और एक जोर दार लिप किस की और लिप लॉक कर लिया. मैंने उसके चुचे दबाते हुए उसकी किस कर रहा था. उसके मुह से तेज सिसकारी निकलने लगी. वो बोली – ये सब कुछ कर लेंगे, अन्दर तो चलो. फिर हम अन्दर उसके बेडरूम में घुस गये और मैंने उसे उठा कर बेड पर पटक दिया. फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और उसका रसपान करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर मैंने उसकी टॉप को एक ही झटके में उतार फेंका.. वाओ… क्या कयामत लग रही थी.. वो. प्रिया पिंक कलर की ब्रा में थी, जोकि मैं उसे उसके बर्थडे गिफ्ट में दी थी. उसके छोटे – छोटे बूब्स मुझे पागल बना रहे थे. मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा था उसकी चूत मारने को. मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसके बूब्स को आजाद कर दिया. फिर मैंने उसके खुले हुए चूचो पर अपनी पकड़ जमाई और उसके बूब्स हलके – हलके दबाने लगा. उसके मुह से प्यार भरी आवाज़े निकल रही थी अहहः हहह्हा हहहहः ऊउम्मम्म जानू… दबाओ ना.. और जोर से दबाओ ना… मैं पागलो की तरह उसके मजे लिए जा रहा था. मैंने चूस – चूस कर उसके बूब्स लाल टमाटर की तरह कर दिए थे. कभी लेफ्ट बूब्स चूसता और कभी राईट. मेरा लौड़ा पेंट फाड़ने को हो रहा था. मैंने उसका लेफ्ट हाथ पकड़ कर अपने लौड़े को टच करवाया, तो वो डर गयी और कहने लगी. ये मेरा फर्स्ट टाइम है. मैं तो जैसे ये सुन कर हवा में उड़ने लगा था. फिर मैंने एक साथ उसकी सलवार और पेंटी दोनों उतार दी.
उसकी चूत देख कर मैं तो पागल ही हो गया. धीरे – धीरे उसकी चूत के दाने को ऊँगली से रगड़ने लगा और वो बहुत लाउडली मोअन करने लगी, आआहहाआ आआआअ.. आहाहहः उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म अहहहहः उम्म्म्मम्म उईईईइ उईइम्ममाआअ… मररर रर ररर ररर ररर ररर ररर ररर गयीईईईईईस्सस्सस्सस्स.. धीरे – धीरे मैं उसकी नाभि से होता हुआ, उसकी चूत तक पहुच गया और उसकी चूत में जीभ डाल कर उसकी चूत को चाटने लगा. मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था उसकी चूत चाटने में. उसका नमकीन पानी मेरी हवस को और भी बढावा दे रहा था और उस पर वो अहहह्हः अहह्हः आआआआ म्मम्मम्म म्मम्मम उम्म्म्मम्म ऊऊऊऊईईईईइमा आआआआ जनूऊऊऊऊऊउ आओअओअओअओ ओओओओं की आवाज़े कर रही थी और ये आवाज़े मुझे मदहोश कर रही थी. थोड़ी ही देर की ओरल चुदाई में, उसने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और निढाल होकर लेट गयी. मैंने अपनी पेंट को उतार कर साइड में फेंक दिया और उसे अपना लौड़ा चूसने को कहा. मैंने ये सब ब्लू फिल्म में देखा था.
उसको मैंने मेरे लौड़ा चूसने को कहा, पर उसने मना कर दिया और बहुत मानने पर उसने अपने होठ, मेरे लंड के टोपे पर रखे. मैं तो जैसे जन्नत में पहुच गया था. वो धीरे – धीरे मेरे लौड़े को चूसने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था मुझे. मुझे लग रहा था, कि मेरा छुटने वाला है, तो मैंने उसे अपने लौड़े से अलग किया और उसकी गोरी – गोरी टांगो के बीच में आ गया और अपने लौड़े को उसकी चूत से रगड़ने लगा. उसके मुह से सिस्कारिया निकलने लगी. मैंने जैसे ही एक झटका मारा, लंड फिसल कर उसकी चूत से बाहर आ गया और उसके मुह से दर्द भरी आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकल गयी. मैंने फिर थोड़ा रुका और उसकी चूत पर लौड़े को सेट किया और उसे लिप लॉक किया और किस करने लगा. मैंने उसके मम्मे भी दबाने शुरू कर दिए. फिर एक जोर दार झटका मारा और मेरा लंड उसकी चूत फाड़ते हुए आधा अन्दर चले गया, वो चिल्लाने लगी आआआआआआअ आआआ अहहहहः अहहहः मारररर र्रर्र र्रर्र र्रर्र र्रर्र र्रर्र डाला… उसकी चूत खून से भर गयी और मैं थोड़ा रुका और वो जैसे ही थोड़ी शांत हुए, मैंने एक और जोर दार झटका मारा और मेरा पूरा ७ इंच का शैतान उसकी चूत में समा गया.
मैं हलके – हलके झटके मारने लगा और वो भी थोड़ी नार्मल हो गयी और गांड उठा – उठा कर मेरे झटको का जवाब देने लगी. वो मस्ती में मोअन कर रही थी… चोदो मेरी जान… चोदो… और जोर से चुसो… अहहहः आआआआ आआअह्ह्ह्ह्ह् और जोर से और जोर से … मैं जोश में आ गया था और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और धकधक उसे चोदने लगा. फिर १० मिनट के बाद, मैं झड़ गया. इसी बीच वो एक और बार झड़ चुकी थी. हमने थोड़ा रेस्ट किया और मैं उसकी गोरी – गोरी बाहों में ही पड़ा – पड़ा उसके बूब्स चूसता रहा और फिर एक बार मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा. फिर मैंने उसके पीछे जाकर, उसकी चूत में लौड़ा घुसाया. इस बार वो नार्मल थी, गांड आगे पीछे करके मेरा साथ दे रही थी. मैंने करीब ३० मिनट तक उसे जम कर चोदा और चोद – चोद कर उसे निहाल कर दिया और मैं भी निहाल हो गया. मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर हमने कपड़े पहने और मैं अपने घर आ गया.
तो दोस्तों, ये थी मेरे पहले सेक्स की कहानी. उसके बाद तो जब भी हमने मौका मिला, हमने जमकर चुदाई का मज़ा लिया.

Thursday 21 May 2015

Chalti Bus Me Machlti Mami Ki Chudai

चलती बस में मचलती मामी की चुदाई

मेरा नाम दीपक है, मैं 19 साल का हूँ.. स्टूडेंट हूँ, मैं इंदौर में अपने मामा के घर रहता हूँ।
आज मैं जो आपको कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो 100% एकदम सही है.. यह घटना अभी कुछ 2 महीने पहले की ही है।

मेरे घर में एक पूजा थी.. तो मुझे पूजा में शामिल होने के लिए अपने घर जबलपुर जाना था। दिन में मॉम का फोन आ गया था कि मामी को भी ले आना।
मैंने मामाजी को बोला- मॉम बोल रही हैं कि मामी जी को साथ ले आना।
मामा जी बोले- ठीक है 2 दिन में वापिस आ जाना..
मामा जी की शादी अभी 3 महीने पहले ही हुई थी.. मामाजी की उम्र 26 के करीब थी मैं मामाजी के साथ ही रहता था और मामी मेरी अच्छी दोस्त बन गई थीं। लेकिन मैंने उन्हें कभी बुरी नज़र से नहीं देखा था।
हम बस स्टैंड पहुँचे.. मामाजी हम दोनों को छोड़ने आए थे। मामाजी ने एक डबल बर्थ बुक करा दी और हम बस में बैठ गए। बस 7:30 पर इंदौर से निकल गई और सुबह 7 बजे जबलपुर पहुँचना था।
रास्ते भर मैं और मामी बात करते रहे मामी ने सफ़ेद रंग का सूट पहन रखा था और अभी नई शादी हुई थी तो मामी एकदम मस्त लग रही थीं। उनके गाल भरे-भरे थे और बहुत खूबसूरत थीं। उन्हें देख कर ऐसा लगता था कि मानो कोई परी हों। हम बात करते रहे.. इस वक्त गर्मी का मौसम था.. तो गर्मी लग रही थी। मामी बोलीं- दीपक गर्मी बहुत है.. एक काम करो.. तुम थोड़ी देर के लिए नीचे उतर जाओ.. मैं गाउन पहन लेती हूँ..
मैं नीचे उतर गया और मामी ने थोड़ी देर बाद आवाज दी.. तो फिर ऊपर चला गया। मामी को देखकर मैं परेशान हो गया.. वो क्रीम रंग की गाउन पहने हुए थीं क्योंकि गाउन बहुत पतली था और बदन साफ-साफ दिख रहा था। मामी यही गाउन घर पर भी पहनती थीं लेकिन अन्दर ब्लाउज पहनती थीं, मामी ने अन्दर ब्रा भी नहीं पहनी थी.. बस चुनरी ओढ़ रखी थी.. गाउन में ब्रा भी नहीं थी.. तो मामी के मम्मे साफ दिख रहे थे, मैं कुछ नहीं बोला।
हम बात करते रहे.. मामी लेट गईं और मैं फोन में ब्लू-फिल्म देखने लगा.. क्योंकि मामी सो चुकी थीं।
अब मामी की चुन्नी भी खिसक गई.. पूरा बदन दिख रहा था, मामी की पैन्टी पूरी साफ-साफ दिख रही थी, मम्मे कुछ ज़्यादा बड़े नहीं थे.. मुश्किल से एक सेब के बराबर होंगे तो लटक नहीं रहे थे.. एकदम उठे हुए थे। उनके मम्मों की नोक साफ गाउन के ऊपर से दिख रही थी।
मामी सो रही थीं.. उन्हें देख-देख कर मेरा दिमाग खराब हो रहा था और मैं ब्लू-फिल्म भी देख रहा था। मैंने मोबाइल बंद कर दिया और लेट गया। मामी मेरी तरफ करवट लिए हुई थीं तो मुझे उनके मम्मे गले के नीचे से साफ दिख रहे थे।
अब मैंने मामी को चोदने का प्लान बना लिया.. लेकिन मन में डर था.. क्योंकि मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था। मेरा लण्ड खड़ा था.. अब मैंने अपना पैन्ट उतारकर साइड में रख दिया और अंडरवियर में ही लेट गया और सो गया। मुझे नींद नहीं आ रही थी.. क्योंकि मामी की लाल रंग की पैन्टी दिख रही थी।
अब मैंने सोचा कि कुछ करते हैं। मैंने धीरे से मामी के ऊपर हाथ रखा.. तो मामी ने करवट लेकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया। मैं तो डर ही गया कि मामी शायद जान चुकी हैं।
मैं थोड़ी देर लेट गया और नींद तो आ नहीं रही थी सो मैंने धीरे से अपने पैर से मामी के गाउन को ऊपर करने लगा। मेरी थोड़ी सी कोशिश से ही गाउन मामी के घुटनों तक आ गया और मैं उनसे चिपक कर लेट गया।
मामी ने कुछ भी ऐतराज नहीं किया.. तो मैंने मामी के गाउन को हाथ से कमर के ऊपर तक ले आया। मामी अब भी कुछ नहीं बोलीं। अब मामी की गोरी-गोरी गांड उनकी लाल रंग की पैन्टी में से साफ दिख रही थी।

अब मेरा दिमाग खराब हो गया। मैंने अपना लण्ड निकाला और मामी की पैन्टी में लगा कर सोने का नाटक करने लगा। बस झटके से चल रही थी.. तो दोनों हिल रहे थे। मामी को भी मेरा लण्ड महसूस होने लगा.. पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं।
रात हो चुकी थी.. सब लोग सो रहे थे। तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने मामी की पैन्टी धीरे से नीची को खिसका दी और घुटनों तक कर दी।

मामी खुद शुरु हो गई

इतने में मामी उठ गईं.. मेरा तो दम निकल गया। मैं सोने का नाटक करने लगा। मामी ने देखा कि मेरा लण्ड खड़ा है और उनकी पैन्टी भी नीचे है.. लेकिन वो फिर से सो गईं।
अब मुझे डर लग रहा था लेकिन लण्ड खड़ा था। फिर मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कि मामी को हाथ लगाऊँ। मैं वैसे ही लेटा रहा.. करीब 10 मिनट बाद मामी ने मेरी तरफ करवट ले ली और मेरा लण्ड हाथ में पकड़ लिया।
मेरी जान निकल गई.. मामी भी चुदना चाहती थीं। मेरा लौड़ा 6 इंच का था.. लेकिन मोटा बहुत था.. जो मामी के हाथ में नहीं बन रहा था।
मामी धीरे से बोलीं- दीपक.. इतना मोटा लण्ड मैंने पहली बार देखा है..
मैं कुछ नहीं बोला और लेटा रहा। मामी मेरे लण्ड को सहलाने लगीं। अब मैं पूरे जोश में आ गया था लेकिन सकुचा रहा था। मामी ने मुँह में लण्ड लेने की कोशिश की लेकिन मोटा होने के कारण उनके मुँह में नहीं जा रहा था।
मामी मेरे ऊपर आकर बैठ गईं और बोलीं- दीपक अब नाटक नहीं करो.. मुझे तुम्हारा लण्ड बहुत अच्छा लगा। तुम मेरा साथ दो..
मामी के बोलने पर मैं जाग गया मामी मेरे ऊपर चढ़ी थीं.. लेकिन लण्ड चूत में जा ही नहीं रहा था।
करीब 3-4 मिनट हो गए.. लंड मामी की चूत में नहीं गया.. फिर मामी ने अपने मुँह से थूक निकाल कर मेरे लण्ड पर मला और जब अब उन्होंने लंड पर बैठ कर दबाव बनाया तो लण्ड एकदम से अन्दर चला गया। मामी चिल्लाईं और झट से उन्होंने चूत से लंड को बाहर निकाल दिया।
मैंने बोला- क्या हुआ?
तो मामी ने बोला- मुझसे सहन नहीं होगा तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है।
लेकिन मेरा लण्ड अभी तना हुआ था, मैंने मामी को बोला- तुम नीचे आ जाओ।
फिर मामी मेरे लौड़े के नीचे आ गईं और मैंने धीरे-धीरे मामी की चूत में लण्ड डाल दिया।
मामी को दिक्कत हो रही थी.. इसलिए मैं धीरे-धीरे हिल रहा था। थोड़ी देर बाद मामी पानी-पानी हो गईं और अब लण्ड आराम से मामी की चूत में शंटिंग कर रहा था।
करीब 7-8 मिनट बाद मैंने मामी की चूत में अपना माल झड़ा दिया। मामी को भी मज़ा आ गया और बोलीं- तुम तो लड़कियों को मार डालोगे और कोई भी लड़की तुम्हारा लण्ड देखकर आराम से चुदवाने को तैयार हो जाएगी।
बस के सफ़र के बाद हम घर पहुँच गए और दूसरे दिन फिर बस से ही उसी तरह आए और इस बार मैं मामी को 3 बार चोदा।
इसके बाद तो जब भी मामा जी घर पर नहीं होते.. तो मामी को खूब चोदता था।
यह मेरी मामी और मेरी चुदाई की एकदम सच्ची दास्तान है.. आप लोग अपने कमेन्ट जरूर भेजिएगा।



Wednesday 20 May 2015

Chacha Se Fees Ke Liye Chudi

चाचा से फीस के लिए चुदी

  Story by blog reader :
दोस्तो, मेरा नाम निशा है, मैं 19 साल की हूँ, गुजरात की रहने वाली हूँ।
आज मैं आपको मेरी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ।
मेरे एक चाचा हैं उनका नाम वीर है, वो हमारे दूर के रिश्तेदार हैं, उनकी उम्र करीब 38 के आसपास है और वो अकेले ही रहते हैं। वो अकसर हमारे घर पर आते-जाते रहते हैं।
मेरे पापा की तो कई साल पहले मृत्यु हो चुकी थी.. घर का सारा बोझ सिर्फ माँ पर ही था। चाचा भी हमें कभी-कभी मदद करते थे। मुझे पढ़ने का बहुत ही मन था और मैं क्लास में हमेशा फर्स्ट ही आती थी।
यह बात उस समय की है जब मेरा 12 वीं का रिजल्ट आया था। मैं बढ़िया नम्बरों से पास हुई थी.. मुझे आगे कालेज में पढ़ने जाना था.. लेकिन हमारे पास फीस देने के पैसे नहीं थे। मैं बहुत उदास थी.. मुझे आगे पढ़ना था। कहीं से भी पैसों का इन्तज़ाम नहीं हो पा रहा था।
मैं ऐसे ही घर में उदास बैठी थी.. तभी मेरे चाचा आए और पूछा- तुम्हारी माँ कहाँ हैं?
मैंने कहा- बाहर गई हैं।
मेरा उदास चेहरा देखकर उन्होंने पूछा- क्या बात है.. उदास क्यों हो?
तो मैंने उन्हें सब बताया.. तो उन्होंने कहा तो इसमें परेशानी वाली कौन सी बात है? मैं हूँ ना.. मैं तुम्हारी फीस दूँगा।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था.. मेरा सपना पूरा होने जा रहा था.. मैं खुशी से पागल हो गई थी।
मैं झट से उनके गले लग गई.. वो बोले- लेकिन तुम्हें भी मेरे लिए कुछ करना होगा।
मैंने कहा- मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूँ।
तो उन्होंने कहा- तुम्हें मुझसे चुदना होगा।


मैं झट से उनसे अलग हो गई.. मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था।
मैंने कहा- आपको शरम नहीं आती.. ऐसी बात कहते हुए? मैंने तो आपको क्या माना और समझा था?
वो बोले- देखो ज्यादा नाटक करने की जरूरत नहीं है.. मैं कोई दानवीर नहीं हूँ.. अगर तुम्हें पैसे चाहिए तो मुझसे चुदना तो पड़ेगा ही।
मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा था.. मैंने कहा- निकल जाइए यहाँ से..
तो वो चले गए और मैं फिर उदास हो गई। मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये चाचा ऐसा इन्सान निकलेगा। मुझे यह बात माँ को बताने तक की हिम्मत नहीं हुई.. मैंने सोचा कहीं से भी फीस का इन्तज़ाम हो जाएगा।
अब यूँ ही दिन बीतने लगे.. लेकिन कहीं से भी पैसों का इन्तज़ाम नहीं हो रहा था। मुझे अब बार-बार चाचाजी की बात याद आ रही थी।
मैंने सोचा एक बार ही तो चुदना है ना.. कभी ना कभी तो चुदवाना ही है.. तो क्यों ना चाचाजी के साथ ही कर लें।
लेकिन मेरा दिल अभी भी ‘ना’ कह रहा था, फीस भरने का दिन करीब आ रहा था अब सिर्फ दो दिन ही बचे थे। आखिरकार मैंने अपने मन को मनाया और चाचा से चुदने के लिए खुद को तैयार किया।
मैं सुबह ही घर से निकल गई, माँ को बोला कि सहेली के घर पर जा रही हूँ और सीधा चाचा के घर चली गई।
मैंने दरवाजा खटखटाया तो चाचा ने ही दरवाजा खोला, वे मुझे देखकर चौंक गए.. बोले- तुम?
मैंने कहा- मुझे आपसे बात करनी है।
वो बोले- ठीक है.. अन्दर आओ…
मैं उनके पीछे-पीछे चल दी।
वो बोले- क्या बात है?
मैंने कहा- मैं चुदने के लिए तैयार हूँ.. अगर आप मेरी फीस देंगे तो..
वो हँसने लगे और बोले- मुझे पता ही था.. आज नहीं तो कल.. तुम्हें मेरे पास आना ही पड़ेगा।
मैं चुप थी।
वो बोले- पैसे तो मैं दे दूँगा.. लेकिन मैं जो भी कहूँ.. तुम्हें वो करना पड़ेगा।
मैंने कहा- ठीक है..
मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था।
वो बोले- अपने कपड़े निकाल दो।
मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और फिर जीन्स भी निकाल दी। अब मैं उनके सामने सिर्फ ब्रा-पैन्टी में थी.. मुझे बहुत शर्म आ रही थी।
वो मेरे पास आए और धीरे से मेरी ब्रा में हाथ डाला और मेरे स्तनों को सहलाने लगे। शर्म के मारे मैंने अपनी आँखें बन्द कर लीं। उन्होंने पीछे से हाथ डाल कर मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और ब्रा को भी मेरे मम्मों से निकाल दिया।
मेरे बड़े-बड़े स्तन उसके सामने नंगे हो गए। वो पागल हो गए और मेरी मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगे। फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पैन्टी में डाल दिया और मेरी कुँवारी चूत को सहलाने लगे।
जैसे ही उसकी उँगली मेरी चूत के छेद पर लगती.. मेरे अन्दर जैसे बिजली सी दौड़ जाती।
फिर उसने मेरी पैन्टी भी निकाल दी। अब मैं उनके सामने पूरी नंगी हो गई थी, मुझे बहुत शर्म आ रही थी।
फिर वो अपने कपड़े निकालने लगे। जैसे ही उन्होंने अपनी चड्डी निकाली तो उसका लंड देख कर मैं डर गई.. वो करीब 8 इंच लम्बा और बहुत मोटा था। मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह मेरी चूत में कैसे जाएगा।
फिर वो मुझे गोद में उठाकर कमरे में ले गए और मुझे बिस्तर पर पटक दिया और अपना लौड़ा हिलाते हुए बोले- चल अब इसे चूस।
मैंने पहले कभी लौड़ा नहीं चूसा था.. इसलिए मैं डर रही थी लेकिन मुझे करना तो पड़ेगा ही.. इसलिए मैंने उनका लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं उनके लौड़े को अपने मुँह में अन्दर-बाहर कर रही थी और वो मेरा सर पकड़े हुए ‘आह… आह…’ कर रहे थे।
मुझे भी अब उसमें मजा आने लगा था और मैं मजे से उनका लंड चूस रही थी। उनके लंड का स्वाद मुझे बड़ा ही मस्त लग रहा था।
वो बोल रहे थे- चल मेरी रानी जोर-जोर से चूस इसे आह्… चूस मेरा लौड़ा…
मैं भी अब बेशर्म हो गई थी और रंडी की तरह उनका लौड़ा चूस रही थी।
वो बोले- चल.. अब तेरी चूत फाड़नी है.. घोड़ी बन जा..


मैं अपने चारों पैरों पर खड़ी हो गई.. किसी कुतिया की तरह बन गई और मेरी चूत अब उनके सामने आ गई थी। उन्होंने बहुत सारा थूक लिया और मेरी चूत के छेद पर लगा दिया और थोड़ा सा अपने लौड़े पर भी लगाया। फिर उन्होंने अपना सुपारा मेरी चूत के छेद पर रखा और एक जोर से धक्का मारा।
‘आईईईईईईईईइ…’ मैं जोर से चिल्लाई.. उनका लौड़ा मेरी चूत को फाड़ता हुआ मेरी चूत में आधे तक घुस गया। मेरी आँख में से पानी निकलने लगा और चूत में से खून… मुझे लगा मैं जैसे बेहोश हो चुकी हूँ.. मुझसे दर्द सहन नहीं हो पा रहा था।
वो रुक गए थे.. और मेरे कूल्हों को धीरे-धीरे सहला रहे थे। फिर वो जरा रुके और एक और धक्का मारा।
‘उईईईई…’ मैं फिर चिल्ला उठी…
मैंने मुड़कर देखा तो उनका पूरा लौड़ा मेरी चूत में घुस गया था। दर्द के मारे मेरी हालत खराब हो चुकी थी। इस बार वो नहीं रुके और धक्के पे धक्का मारने लगे, उनके हर धक्के पर मैं कराह उठती थी।
कुछ धक्कों तक मुझे बेहद दर्द हुआ पर अब धीरे-धीरे दर्द मिट गया और मजा आने लगा। अब तो उनका हर धक्का मुझे स्वर्ग में पहुँचा देता था और उनके हर धक्के के साथ मेरे मुँह से ‘आह…’ निकल जाती थी।
मुझे खुद पता नहीं था.. कि मैं क्या बोल रही थी- आह्ह्… आह्ह्… चोदो मुझे आह्… फाड़ दो इस चूत को.. और जोर से आह्… आज मेरी प्यास मिटा दो मेरे राजा.. आह…
मैं भी अब अपनी गाण्ड हिला-हिला कर उसका साथ दे रही थी, पूरे कमरे में चुदाई की ‘फचा..फच..’ की आवाजें आ रही थीं।
फिर उन्होंने अपना लौड़ा निकाला और नीचे लेट गए और मुझे अपने ऊपर बिठा दिया… मैंने उनका लौड़ा पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और नीचे से उसने धीरे से धक्का मार दिया और धक्का मारते ही वो चूत में चला गया।
अब मैं अपनी गाण्ड उसके लौड़े पर पटक-पटक कर चुद रही थी… वो भी नीचे से मेरा साथ दे रहे थे। मैं तो जैसे स्वर्ग में ही पहुँच गई थी। वो दोनों हाथों से मेरी चूचियों को दबा रहे थे…
फिर वो उठे और उन्होंने अपना लौड़ा चूत में से निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया। अब वो मेरे सिर को पकड़ कर मेरे मुँह को चोदने लगे। कुछ ही पलों में जोर-जोर से धक्के मारते हुए मेरे मुँह में ही झड़ गए, मैं उसका सारा रस पी गई और उसके लौड़े को चाट कर साफ करने लगी।
मेरी चूत पर बहुत सारा खून लगा हुआ था.. तो मैं इसे साफ करने के लिए बाथरूम में जाने लगी।
जैसे ही मैं वहाँ पहुँची तो वो लपक कर मेरे पीछे आ गए और पीछे से मुझे दबोच लिया, उन्होंने मेरा मुँह दीवार से सटा दिया फिर मेरा एक पैर उठा कर वाशबेसिन पर रख दिया.. इससे मेरी चूत पीछे से खुल गई।
उन्होंने अपना लौड़ा पीछे से ही मेरी चूत में फिर से डाल दिया और दम से मुझे चोदने लगे।
करीब आधे घंटे तक वो मुझे वैसे ही चोदते रहे और मेरी चूत में ही झड़ गए।
चुदाई होने के बाद मैंने खुद को साफ़ किया और लंगड़ाते हुए मैंने अपने कपड़े पहने। जाते वक्त उन्होंने मुझे पैसे दिए जिससे मैंने अपनी फीस भर दी।
अब जब भी मुझे पैसों की जरूरत होती है तो मैं उनसे चुदवा लेती हूँ। अब तो मुझे उनकी आदत सी हो गई है।